
हम सभी ज़िंदगी में कई चीज़ों का प्लान बनाते हैं.
घूमने का प्लान,
शादी का प्लान,
घर बदलने का प्लान,
वीकेंड का प्लान,
यहां तक कि क्या खाना है ये भी सोच लेते हैं.
लेकिन एक चीज़ का प्लान ज्यादातर लोग नहीं बनाते. और वह सबसे ज़रूरी है. पैसा.
हर महीने सैलरी आती है.
दो दिन अच्छा लगता है. फिर धीरे धीरे पैसा ऐसे गायब होने लगता है जैसे जेब में छेद हो.
बिल भरने में गया, कुछ ऑनलाइन आर्डर कर दिया, कहीं बाहर खाना खा लिया, किसी दोस्त की पार्टी में खर्च हो गया.
महीना ख़त्म होते होते लोग परेशान हो जाते हैं कि पैसा गया कहां.
दरअसल, जहां प्लान नहीं होता, वहां पैसा खुद ही रास्ता चुन लेता है.
और वह रास्ता अक्सर गलत होता है.
एक बजट ऐसा नक्शा है जो पैसे को सही दिशा में लेकर चलता है.
नहीं तो पैसा ऐसे बिखर जाता है जैसे ज़मीन पर गिरा हुआ पानी.
पैसे की गड़बड़ी इंसान की कमी नहीं होती
बहुत लोग अपने आप को दोष देते रहते हैं कि पैसे बच नहीं पाते, शायद वो ढंग से मैनेज नहीं कर पाते.
उन्हें लगता है कि उनकी आदतें खराब हैं या वो अनुशासित नहीं हैं.
लेकिन सच में दिक्कत कहीं और होती है.
दिक्कत है structure की कमी.
हम सबको स्कूल में गणित सिखाया गया, विज्ञान सिखाया गया, इतिहास सिखाया गया.
लेकिन किसी ने यह नहीं सिखाया कि पैसा कैसे चलाना है. कैसे खर्च करना है, कैसे बचाना है, कैसे प्लान बनाना है.
जब किसी चीज़ की ट्रेनिंग न मिले, तो उसमें गड़बड़ी होना बिल्कुल स्वाभाविक है.
इसका मतलब ये नहीं कि इंसान गलत है. बस सिस्टम गायब है.
और जब सिस्टम नहीं होता, पैसा तनाव देता है.
फिर वही तनाव इंसान को फैसले लेने से डराता है. और धीरे धीरे गलत आदतें बन जाती हैं.
लेकिन अच्छी बात यह है कि structure बनाया जा सकता है.
पैसा संभालना सीखा जा सकता है. और यह सीखना जीवन को बदल सकता है.
पैसा खुद कभी कंट्रोल में नहीं आता, उसे संभालना पड़ता है
एक ऑफिस की कल्पना करो जिसमें कोई बॉस नहीं है. हर कर्मचारी अपनी मर्जी से आता जाता है.
किसी को कुछ नहीं पता कि कौन सा काम कब करना है. ऐसे माहौल में कंपनी कितने दिन चलेगी.
पैसे का भी यही हाल है.
जिस पैसे का मालिक उसे दिशा नहीं देता, वह पैसे कभी सही काम नहीं करेगा.
वह खर्च हो जाएगा. वह बहक जाएगा. वह भावनाओं के चक्कर में डूब जाएगा.
फिजूल खर्चा, दिखावे का खर्चा, आवेश में खर्चा. पैसा आपके दिल की कमजोरी से खेलता रहता है.
लेकिन जब आप बजट बनाते हो, तब आप पैसे को बताते हो कि उसे क्या करना है. आप उसके मालिक बन जाते हो, ना कि वह आपका.
पैसा तभी आपकी इज्जत करता है जब आप उसे दिशा देते हो.
“मेरी सैलरी अच्छी है, मुझे बजट की जरूरत नहीं” सबसे बड़ा भ्रम
बहुत लोग मानते हैं कि बजट सिर्फ उन्हें चाहिए जो कम कमाते हैं.
जो अच्छी खासी सैलरी लेते हैं उन्हें बजट की जरूरत नहीं. लेकिन यह सोचना बड़ी गलती है.
दुनिया में कई लोग करोड़ों कमाते हैं और फिर भी कंगाल हो जाते हैं.
और कई लोग सीमित आय में सुखी जिंदगी जी लेते हैं. फर्क सिर्फ एक चीज का होता है.
कमाई नहीं. प्रबंधन.
जितना ज्यादा पैसा आता है, उतनी ही ज्यादा गलतियां करने का मौका भी आता है.
जब प्लान नहीं होता, खर्च बढ़ता ही जाता है.
असली अमीर वह नहीं जो ज्यादा कमाता है. असली अमीर वह है जो कमाई को संभालना जानता है.
बजट आपकी आज़ादी छीनता नहीं, आज़ादी पक्की करता है
बहुत लोगों के लिए बजट का मतलब त्याग है. जैसे जिंदगी का मज़ा खत्म.
जैसे हर चीज़ पर रोक लगी हो. लेकिन असल में बजट आपकी आज़ादी बढ़ाता है.
बिना बजट के खर्च हमेशा टेंशन देता है. बजट के साथ खर्च खुशी देता है, क्योंकि guilt नहीं रहता.
आप जानते हो कि यह खर्च आपके प्लान के अंदर है.
जहां प्लान होता है, वहां डर नहीं होता.
जहां दिशा होती है, वहां भरपूर आज़ादी होती है.
भावनाओं से किया हुआ खर्च सबसे खतरनाक होता है
पैसे के मामले में दो तरह के लोग होते हैं.
एक, जो मूड के हिसाब से खर्च करते हैं.
दूसरे, जो भविष्य के हिसाब से खर्च करते हैं.
पहले लोग हमेशा तनाव में रहते हैं. दूसरे लोग हमेशा मजबूत रहते हैं.
बजट आपकी भावनाओं को स्थिर करता है. हर खर्च को सोच कर करने की कला देता है.
यह आपको सिखाता है कि किस जगह पैसा देना है और किस जगह नहीं देना है.
जब आप समझदारी से खर्च करने लगते हैं, तो पैसा भी आपको समझने लगता है.
कंपनियां बजट बनाती हैं. तो एक इंसान क्यों नहीं
हर सफल कंपनी अपना बजट बनाती है. आने वाला खर्च, जाने वाला खर्च, निवेश, सेविंग, हर चीज़ का प्लान होता है. यह कंपनियां इसीलिए सफल हैं.
अब सोचो. जब कंपनियों को बजट की जरूरत है तो इंसान को क्यों नहीं.
आप अपनी जिंदगी के CEO हो.
आपका पैसा आपकी कंपनी की “revenue” है.
आपके goals आपकी “targets” हैं.
अगर आप अपनी जिंदगी को सफल बनाना चाहते हो, तो पैसे को उसी seriousness से संभालना होगा.
असली बदलाव छोटे कदमों से आता है
बहुत लोग बजट इसलिए नहीं बनाते क्योंकि उन्हें लगता है कि यह बड़ा मुश्किल काम है. लेकिन सच में यह बेहद आसान है.
बस तीन चीजें लिखो.
1. कितना पैसा आ रहा है
2.कितना पैसा जा रहा है
3.कहाँ से पैसा गलत जा रहा है
पहला महीने में थोड़ा अजीब लगेगा. दूसरे महीने में आसान लगेगा.
तीसरे महीने में मजा आने लगेगा. क्योंकि बदलाव दिखने लगता है.
छोटी छोटी सेविंग मिलकर बड़ी रकम बनाती है.
छोटी गलतियां रोकने से बड़े संकट टलते हैं.
पैसा आपकी मेहनत है, उसे बरबाद क्यों होने दें
आप हर दिन मेहनत करते हो. समय देते हो. तनाव झेलते हो.
ऑफिस की राजनीति झेलते हो. ट्रैफिक सहते हो. तब जाकर पैसा कमाते हो.
यह पैसा सिर्फ नोट नहीं है. यह आपकी जिंदगी का समय है.
अगर यह पैसा गलत जगह खर्च हो जाए, तो आपकी मेहनत गलत जगह चली जाती है.
बजट आपकी मेहनत को सम्मान देता है.
यह सुनिश्चित करता है कि आपकी मेहनत आपका भविष्य बनाए, न कि आपका तनाव.
जब पैसा सही चलता है, जिंदगी भी सही चलती है
वित्तीय स्थिरता जिंदगी को ऐसी ताकत देती है जो दिखती नहीं लेकिन महसूस होती है.
आप शांत रहते हो.
आप आत्मविश्वासी रहते हो.
आप किसी भी आपात स्थिति से डरते नहीं.
आप अवसरों को पकड़ सकते हो.
जब पैसा सही दिशा में चलता है, तो जिंदगी का बोझ हल्का लगता है.
और जब जिंदगी हल्की लगती है, तभी असली विकास होता है.
बजट एक invisible ताकत है जो इंसान को अंदर से मजबूत कर देता है.
बजट आपके सपनों को साकार करने का रास्ता है
हर इंसान के सपने होते हैं. बड़ा घर, नई कार, बिजनेस, विदेश यात्रा, बच्चों की पढ़ाई, जल्दी रिटायरमेंट.
लेकिन इन सपनों को पूरा करने के लिए सिर्फ इच्छा नहीं, प्लान चाहिए.
बजट वही प्लान बनाता है.
जब आप हर महीने थोडा थोडा सेव करते हो, तो आपका सपना एक इंच करीब आता है. धीरे धीरे यह इंच मिलकर किलोमीटर बन जाते हैं.
सपने इंतजार नहीं करते.
सपने प्लान मांगते हैं.
पैसा तभी आपकी इज्जत करता है जब आप उसे इज्जत देते हो
जीवन का एक सीधा सा नियम है.
अगर आप पैसे को संभालते नहीं, तो पैसा आपको परेशान करना शुरू कर देता है.
अगर आप पैसे को दिशा देते हो, तो पैसा आपको ताकत देना शुरू कर देता है.
एक दिन बजट बनाने का फैसला आपकी पूरी जिंदगी बदल देता है.
क्योंकि उस दिन आप अपने पैसे से लड़ना नहीं, उसे चलाना सीखते हो.
उस दिन से आपकी जिंदगी accident नहीं, design बनने लगती है.
अंत में एक बात
पैसा खुद को मैनेज नहीं करता.
खर्च खुद नहीं रुकते.
बचत खुद नहीं बढ़ती.
भविष्य खुद सुरक्षित नहीं बनता.
यह सब आपको करना पड़ता है. और बजट इसमें आपकी सबसे बड़ी मदद करता है.
बिना नक्शे के गाड़ी रास्ता भटक जाती है.
बिना बजट के पैसा भटक जाता है.
और जब पैसा भटकता है, जिंदगी भी तनाव में आ जाती है.
इसलिए, आज ही अपनी कमाई को दिशा दो.
अपने पैसे को एक मकसद दो.
अपनी जिंदगी को एक मजबूत आधार दो.
क्योंकि आपकी मेहनत, आपके सपने और आपका भविष्य इससे बेहतर deserve करते हैं.