
हम सब खुश रहना चाहते हैं. लेकिन जैसे जैसे जिंदगी आगे बढ़ती है,
हम यह मान लेते हैं कि खुशी किसी मंज़िल पर बैठी हमारा इंतज़ार कर रही है.
पहले डिग्री लो, फिर खुश हो.
पहले अच्छी नौकरी पाओ, तब खुशी मिलेगी.
पहले सही इंसान ज़िंदगी में आए, फिर मुस्कुराना आसान होगा.
ऐसे सोचते सोचते पूरी जिंदगी बीत जाती है. हम जीते कम हैं, इंतज़ार ज़्यादा करते हैं.
लेकिन एक दिन समझ आता है कि खुशी कोई नतीजा नहीं है.
यह एक फैसला है. जो अभी, इसी पल लिया जा सकता है.
खुशी परिस्थितियों से नहीं आती
दुनिया में बहुत से लोग हैं जिनके पास कम साधन हैं,
लेकिन वह फिर भी दिल से हंसते हैं.
और बहुत से ऐसे हैं जिनके पास सब कुछ है पर सुकून नाम की चीज नहीं.
अगर पैसा ही खुशी होता तो अमीरों की नींद सबसे मीठी होती.
अगर नाम और शोहरत ही सुख देते, तो हर मशहूर इंसान के चेहरे पर शांति होती.
लेकिन सच अलग है.
खुशी का रिश्ता बाहरी हालात से कम और हमारी सोच से ज़्यादा होता है.
दुनिया कैसी है, इससे ज़्यादा मायने रखता है कि हम उसे कैसे देखते हैं.
असली खेल दिमाग का है
आप शानदार जगह पर बैठे हों, महंगे कपड़े पहने हों, और फिर भी अंदर खालीपन महसूस कर सकते हैं.
वहीं कोई व्यक्ति चाय की एक चुस्की लेकर भी पूरी दुनिया जीत लेने जैसा महसूस कर सकता है.
मन शांत हो तो छोटी चीजें भी आनंद देती हैं.
मन बेचैन हो तो बड़ी से बड़ी उपलब्धि भी अधूरी लगेगी.
सबसे ज़रूरी रिश्ता खुद से होता है.
अपने मन से दोस्ती हो गई तो हर जगह सुकून मिलेगा.
अपनी खुशी किसी और पर मत टांको
बहुत लोग यह उम्मीद करते हैं कि कोई आएगा और उन्हें खुश कर देगा.
सही दोस्त. सही पार्टनर. सही नौकरी. सही मौक़ा.
लेकिन जब हम अपनी खुशी को किसी और के हाथ में दे देते हैं, तो हम उनके मूड और व्यवहार के गुलाम बन जाते हैं.
खुश रहने का अधिकार आपका है. कोई दूसरा इसे आपको देगा, ऐसा सोचना खुद के साथ गलत है.
खुशी रोज़ की एक्सरसाइज़ है
यह एक बार का फैसला नहीं. हर दिन खुद को याद दिलाना पड़ता है.
अपने अंदर आवाज उठती है
आज भी शिकायत करनी है
या
आज थोड़ा हल्का महसूस करना है
कभी खुशी यह होती है कि कोई पुराना दर्द छोड़ दिया जाए.
कभी यह होती है कि खुद से ही माफ़ी मांग ली जाए.
कभी यह होती है कि बस गहरी सांस लेकर खुद को आज जिंदा महसूस किया जाए.
अपने लिए अच्छा सोचना खुद के प्रति सम्मान है.
खुद को अपनाना सीखो
जीवन उसी दिन आसान हो जाता है
जब आप अपने ऊपर से यह दबाव हटाते हैं कि
हर दिन परफॉर्म करना ज़रूरी है
हर ख्वाब पूरा होना ज़रूरी है
हर गलती मिटाना ज़रूरी है
अधूरापन इंसान की पहचान है.
जो कहानी सच्ची होती है, वही खूबसूरत लगती है.
अगर आप हर चीज़ की तुलना दूसरों से करना छोड़ दें
तो आप अपनी ज़िंदगी की छोटी छोटी खुशियों को भी नोटिस कर पाएंगे.
और ध्यान रहे
खुश होने के लिए कोई बड़ा कारण जरूरी नहीं
कभी कभी बस जिंदा होना ही काफी होता है.
आज का दिन आपका है
खुशी को कल पर मत टालो.
कल कभी आता ही नहीं.
आता है तो कई बार बहुत देर से.
अभी देखें
आपकी सांसें चल रही हैं
आपके पास यह पल है
जिंदगी में कुछ अच्छा होने की संभावना है
गर्म चाय
आरामदायक नींद
अपनों की आवाज
बारिश की महक
शाम की ठंडी हवा
यही तो असली जीवन है.
यही छोटे छोटे पल दिल को रोशन करते हैं.
आपकी खुशी को किसी और की अनुमति नहीं चाहिए
न दुनिया की,
न हालात की,
न किसी इंसान की.
बस आपकी अपनी हाँ चाहिए.
हाँ
आज मैं मुस्कुराने की कोशिश करूंगा
हाँ
मेरी जिंदगी में कृतज्ञता की जगह होगी
हाँ
मैं खुद का साथी बनूंगा
हाँ
मैं अपने मन को हल्का रखूंगा
हाँ
मैं खुश रहने का हक़ रखता हूँ
खुशी बाहर से नहीं आएगी
वह आपके भीतर ही जन्म लेती है.
और आज
इसी पल
आप उसके लिए जगह बना सकते हैं.